Tuesday, 27 December 2016










ये दुनिया भी क्या अज़ीब है यारो 

शराब बेचने वाला किसी के घर तक नहीं जाता 
जबकि दूध बेचने वाले को घर - घर और गल्ली - कूचे भटकना पड़ता है 
 दूध वाले से बार - बार पूछा  जाता है, दूध में पानी तू नहीं डाला 
जबकि शराब में खुद हाथो से पानी मिला मिला के पीते है 

ये दुनिया भी क्या अज़ीब है यारो 

मंदिर - दरगाह भी क्या अज़ीब जगह है 
जहा गरीब बहार और अमीर अंदर भीख मांगता है 

ये दुनिया भी क्या अज़ीब है यारो 

बारात में दूल्हे पीछे और दुनिया आगे चलती  है 
जब की मईयत में जनाज़ा आगे और दुनिया पीछे चलती है 
यानि दुनिया ख़ुशी में आगे और गम में पीछ हो जाती है 

ये दुनिया भी क्या अज़ीब है यारो 

मोमबत्ती जलाकर मुर्दो को याद किया जाता है 
और मोमबबत्ती बुझाकर साल गिरह और जन्मदिन मानते है 

ये दुनिया भी क्या अज़ीब है यारो 

कामियाब लोगो की सिर्फ चमक ही लोगो का दिखाई देता है 
उसने कितने अँधेरे देखे है ये कोई नै जनता, चाहे रास्ते में कितने भी रोड़े आये 
काबिल इंसान देर - सवेर मंज़िल पा ही लेता है,

उनके साथ जरूर रहो जिनका वक़्त ख़राब  है 
पर उनका साथ छोडदो जनकी नीयत ख़राब है 

ये दुनिया भी क्या अज़ीब है यारो 

पायल हज़ारो रुपया में आती है और पैरो में पहनी जाती है
और बन्दिया एक रुपया में आती है और पेशानी पर सजाये जाती है 
इसलिए कीमत मायेने नहीं रखती किस्मत मायेने  रखती है 

जिस दिन तुम्हारा करीबी तुम पर गुस्सा होना कर दे, 
समझ लेना तुम उस इंसान को खो चुके हो 

रौशनी रखना है तो उस चिराग की तरह रखो 
 जितना वो बादशा के मेहल में रौशनी देता है 
उतना ही गरीब के झोपड़े में

ये दुनिया भी क्या अज़ीब है यारो 

सदियों से रुई और तेल जलते आए है 
पर नाम दीपक का होता है
कभी इस बात से भय न रखो की काम मेरा और नाम उसका 
क्यों की ये दुनिया देखावे की है और तुम्हे देखने वाला ऊपर खुदा है 

ज़िन्दगी में किसी इंसान को अपनी आदत मत बनाना 
क्यों की इंसान बहुत खुदगर्ज जब आपको पसंद करता है तू आपकी बुराई भूल जाता
और जब आपसे नफरत करत है तू आपकी अच्छाई भूल जाता है 

ये दुनिया भी क्या अज़ीब है यारो 

तारीख गवाह है की आज तक नीम में कभी कीड़े नही पड़े 
और मिठाई में तो अक्सर कीड़े पड़ जाया करते है 
इसलिए कड़वी लोगो से कभी मत भागो, और मीठे लोगो से दूर रहो 

में दुनिया से लड़ सकता हु पर अपनों से नहीं 
क्यों की अपनों से लड़ना नई मुझे उनके साथ जीना है 

और अंत में इस दुनिया में पयार की बहुत कमी है 
मांगने में जिझकना नहीं और देने में हिचकिचाना नहीं